सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय
के हिन्दी विभाग द्वारा 12 से 14 सितंबर 2018 को हिन्दी दिवस दिवस के रूप में मनाया
गया । कार्यक्रम का आयोजन हिन्दी विभाग द्वारा किया गया था । कार्यक्रम को कई उपखंडो
में विभाजित किया गया था । कार्यक्रम के पहले दिन निबंध प्रतियोगिता तथा कविता प्रतियोगिता
रखा गया था । जिसमें निबंध का विषय ‘सोशल मीडिया और हिन्दी :
अभिव्यक्ति के नए प्रतिमान’ रखा गया था । इसमें कई विद्यार्थियों
व शोधार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया । दूसरे सत्र में भाषण प्रतियोगिता और पोस्टर निर्माण
प्रतियोगिता रखा गया था । भाषण का विषय था ‘भाषिक अस्मिता और राष्ट्र’ । दूसरे दिन स्वरचित कविता पाठ प्रतियोगिता
का आयोजन हुआ । जिसमें विश्वविद्यालय के नए पुराने कवियों से अपनी स्वरचित कविता का
पाठ किया । दूसरे सत्र में पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता राखी गई इसका विषय ‘भारतीय संविधान और हिन्दी’ रखा गया था ।
कार्यक्रम के तीसरे दिन
मुख्य कार्यक्रम व समापन समारोह था । जिसके मुख्य अतिथि हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य
साहित्यकार प्रो. विजय बहादुर सिंह थे । अंतिम दिन स्वरचित कविता प्रतियोगिता में विजित
प्रतिभागियों द्वारा अपनी कविता का पुनर्पाठ किया गया । विजय बहादुर सिंह ने अपने वक्तव्य
में हिन्दी कि तात्कालिक स्थिति व शोध की गिरती साख को लेकर अपनी चिंता प्रकट किया
। कहा कि आज शोध कार्य महज कमरे बंद होकर किया जा रहा है जो हिन्दी कि भविष्य के साथ
खिलवाड़ है । हिन्दी दिवस का आयोजन तो आज महज कोटापूर्ति बनकर रह गई है । यह भी कहा
कि आज का दिन तो कार्यालयी हिन्दी का दिन है । साहित्यिक हिन्दी का दिन तो रोज होता
है । उसे किसी एक दिन कि जरूरत नहीं । कार्यालयी हिन्दी और साहित्यिक हिन्दी में उन्होने
भिन्नता को भी समझाया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. नवीन मेहता जी ने
हिन्दी कि महत्ता पर ज़ोर देते हुए कहा कहा कि इसे जल्द से जल्द सयुंक्त राष्ट्र संघ
भाषा बनाई जानी चाहिए । हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राहुल सिद्धार्थ ने हिन्दी के
साथ अन्य भाषाओं को साथ लेकर चलने पर ज़ोर दिया । कहा कि आज का समय अंतरानुशासनिक अध्ययन
का है इसलिए हमें शोध के स्तर को बढ़ाने हेतु सहविषयों का अभी अध्ययन करना चाहिए । कार्यक्रम
के अंत में विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया । धन्यवाद ज्ञापन
सहायक प्रोफेसर डॉ. मुकेश वर्मा ने किया । कार्यक्रम का संचालन अनीश कुमार ने किया
। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के भारी संख्या में शोधार्थी, विद्यार्थी, कर्मचारी व प्राध्यापक उपस्थित थे
।
प्रस्तुति
अनीश
कुमार
पीएचडी
हिन्दी विभाग


